Caitanya Caritamrita Hindi
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Caitanya Caritamrita Hindi 9 Volumes

·  पूर्ण 9 वॉल्यूम्स में श्री चैतन्य महाप्रभु की दिव्य लीलाओं का संकलन

·  सहज और सरल हिंदी अनुवादभक्तों के लिए आदर्श अध्ययन ग्रंथ

·  मूल संस्कृत और बंगाली श्लोकों सहित प्रमाणिक व्याख्या

·  भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट (BBT) द्वारा प्रकाशित अधिकृत संस्करण

·  भक्ति, प्रेम और नामसंकीर्तन की अमृतमयी कथा

·  मंदिर, घर और उपहारहर अवसर के लिए उत्तम ग्रंथ

·  उच्च गुणवत्ता वाले कागज और मजबूत हार्डबाउंड बाइंडिंग

·  पढ़ने से मन, बुद्धि और आत्मा में आती है शुद्ध भक्ति की प्रेरणा

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चैतन्य चरितामृत केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु के दिव्य जीवन का आध्यात्मिक दस्तावेज हैजो सम्पूर्ण गौड़ीय वैष्णव दर्शन की आत्मा है। इस हिंदी नौ-वॉल्यूम सेट में महाप्रभु के जन्म से लेकर उनके संन्यास, दक्षिण भारत यात्रा, जगन्नाथ पुरी की लीलाओं और भक्तों के साथ उनके दिव्य संवादों तक का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।

यह ग्रंथ श्रीकृष्णदास कविराज गोस्वामी द्वारा रचित है और इसमें श्रील कृष्ण की भक्तिमय अवतार, श्री चैतन्य महाप्रभु की लीलाओं को भावपूर्ण रूप से चित्रित किया गया है। प्रत्येक अध्याय भगवान के नाम-संकीर्तन के प्रभाव, शुद्ध भक्ति की महिमा और श्रील प्रभुपाद के माध्यम से उनके आधुनिक युग में पुनर्जागरण की कथा कहता है।

इस हिंदी संस्करण में पाठकों के लिए भाषा को अत्यंत सहज और प्रवाहपूर्ण बनाया गया है ताकि हर कोई महाप्रभु के संदेश को समझ सके। इसमें संस्कृत एवं बंगाली मूल श्लोकों का शब्दार्थ और भावार्थ दोनों दिए गए हैं, जिससे अध्ययन अधिक गहराई से किया जा सके।

इस ग्रंथ का अध्ययन करने से व्यक्ति के जीवन में भक्ति-भाव का जागरण होता है। यह हमें सिखाता है कि भगवान का नाम लेना केवल एक साधना नहीं, बल्कि प्रेम और करुणा से भरा जीवन जीने का मार्ग है। श्री चैतन्य महाप्रभु ने यह संदेश दिया कि
हरि नाम ही कलियुग का एकमात्र उद्धार है।

इस नौ-खंडीय सेट में प्रत्येक वॉल्यूम भगवान की लीलाओं के किसी विशेष चरण पर केंद्रित है
1
प्रथम खंड: महाप्रभु के प्राकट्य एवं बाल्य लीलाएँ
2
द्वितीय खंड: नवद्वीप में संकीर्तन आंदोलन की शुरुआत
3
तृतीय खंड: संन्यास और तीर्थ यात्रा
4
चतुर्थ खंड: जगन्नाथ पुरी में भक्ति प्रचार
5
पंचम खंड: रूप और सनातन गोस्वामी से संवाद
6
षष्ठ खंड: रथयात्रा और भक्तों के संग संगम
7
सप्तम खंड: भक्तों की चरित्र कथाएँ
8
अष्टम खंड: भगवान की करुणा एवं चमत्कार
9
नवम खंड: श्री चैतन्य के अंतिम लीलाएँ और अमृत-संदेश

इन सबका अध्ययन करने से साधक को केवल भक्ति का ज्ञान मिलता है, बल्कि भक्ति का अनुभव भी होता है।

इस सेट को भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट (BBT) द्वारा प्रकाशित किया गया है, जो ISKCON के आधिकारिक प्रकाशक हैं। प्रत्येक पुस्तक उच्च गुणवत्ता वाले कागज़ और मजबूत हार्डबाउंड बाइंडिंग में आती है, जिससे यह वर्षों तक सुरक्षित रहती है।

चैतन्य चरितामृत का अध्ययन करने से मन की शांति, आध्यात्मिक ऊर्जा और भगवद्-भक्ति में निष्ठा प्राप्त होती है। यह केवल एक पुस्तक नहींएक साधक के जीवन की दिशा बदलने

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Author
His Divine Grace BHaktivedanta Swami Srila Prabhupada
Weight
10
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